- गंगा दशहरा के पावन अवसर पर बिहार में एक बड़ा हादसा हो गया, जब एक नाव जिसमें दो दर्जन से अधिक लोग सवार थे, नदी में पलट गई। यह घटना नालंदा जिले के अस्थवां थाना क्षेत्र के मालती गांव में हुई। गाँव के लोग उमानाथ घाट पर गंगा स्नान करने जा रहे थे, तभी यह हादसा हुआ। इस दुर्घटना में कई लोग नदी में डूब गए।
घटना का विवरण
- गाँव के लोग सुबह-सुबह गंगा दशहरा के अवसर पर गंगा स्नान करने के लिए उमानाथ घाट जा रहे थे। नाव में अधिक भीड़ होने के कारण नाव असंतुलित हो गई और बीच नदी में पलट गई। इस हादसे ने कई परिवारों को शोक में डाल दिया है, जो अपने प्रियजनों की खबर का इंतजार कर रहे हैं।
मुख्य बिंदु
- मालती गांव से प्रस्थान: मालती गांव से लगभग दो दर्जन लोग उमानाथ घाट के लिए रवाना हुए थे।
- नाव पलटना: नाव बीच नदी में पलट गई, जिससे सभी यात्री पानी में गिर गए।
- लापता लोग: कई लोग अभी भी लापता हैं। स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार, चार से पांच लोग अभी तक नहीं मिले हैं और खोज अभियान जारी है।
- स्थानीय प्रतिक्रिया: गांव में मातम छाया हुआ है। इस हादसे ने ग्रामीणों को गहरे शोक में डाल दिया है, जो बचाव कार्य में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।
- परिवारिक तीर्थयात्रा: नाव में सवार लोग एक ही परिवार और पड़ोसी थे, जो एक पारिवारिक तीर्थयात्रा पर थे।
स्थानीय और प्रशासनिक प्रतिक्रिया
- नाव पलटने की खबर तेजी से फैली, जिसके बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण घटना स्थल पर पहुंचे और बचाव कार्य में सहायता करने लगे। स्थानीय प्रशासन और बचाव दल तुरंत मौके पर पहुंचे और खोज एवं बचाव अभियान शुरू किया। गोताखोर और बचाव नावों को तैनात किया गया है ताकि लापता लोगों को जल्द से जल्द ढूंढा जा सके।
- पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसी तीर्थयात्राओं के दौरान सुरक्षा उपायों का पालन करना आवश्यक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि नावों की उचित देखरेख और उन्हें अधिक नहीं भरना चाहिए ताकि ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
प्रत्यक्षदर्शियों के बयान
- प्रत्यक्षदर्शियों ने नाव पलटने की घटनाओं को चौंकाने वाला बताया। “सब कुछ बहुत तेजी से हुआ। नाव पहले से ही अधिक लोगों के कारण अस्थिर थी। अचानक, यह पलट गई और सभी लोग पानी में गिर गए,” एक बचे हुए व्यक्ति ने बताया।
- स्थानीय निवासियों ने इस घटना पर चिंता जताई और कहा कि ऐसे मौकों पर सुरक्षा उपायों और निगरानी की कमी होती है। उन्होंने ओवरलोडिंग और खराब स्थिति वाली नावों के उपयोग को गंभीर मुद्दा बताया, जिसे तुरंत सुधारने की आवश्यकता है।
बचाव और खोज अभियान
- खोज और बचाव अभियान अभी भी जारी है, जिसमें गोताखोर नदी के तल में लापता व्यक्तियों की तलाश कर रहे हैं। प्रशासन सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग कर रहा है ताकि लापता व्यक्तियों को जल्द से जल्द ढूंढा जा सके। इस बीच, प्रभावित परिवारों के लिए अस्थायी राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जहां उन्हें आवश्यक समर्थन और परामर्श प्रदान किया जा रहा है।https://tazatazanews24.com/
निष्कर्ष
गंगा दशहरा पर इस दुखद घटना ने उत्सव को गमगीन बना दिया है, जिससे कई परिवार शोकाकुल हैं। यह घटना भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं से बचने के लिए कड़े सुरक्षा उपायों और नियमों की आवश्यकता को रेखांकित करती है। जब तक लापता लोगों की तलाश पूरी नहीं हो जाती, तब तक समुदाय अपने प्रियजनों को खोजने के संकल्प में एकजुट है।
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